महिला विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 338 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही — टीम ने सिर्फ 10 ओवरों में 59 रन पर दो विकेट गंवा दिए।
लेकिन इसके बाद कप्तान Harmanpreet Kaur और Jemimah Rodrigues ने मोर्चा संभाला। दोनों के बीच 167 रनों की साझेदारी हुई, जिसने भारत को मज़बूती दी और मैच पूरी तरह पलट दिया।
जेमिमा ने दबाव भरे हालात में 134 गेंदों पर नाबाद 127 रन बनाए और टीम को जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया। आखिर में भारत ने यह लक्ष्य 5 विकेट रहते हुए हासिल कर लिया और विश्व कप फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
मैच का हाल: जब भारत ने पलट दी बड़ी बाज़ी
सेमीफाइनल का मंच था, सामने दुनिया की सबसे मजबूत टीम — ऑस्ट्रेलिया, और पिच पर दबाव का आलम। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की और शुरुआत से ही भारतीय गेंदबाज़ों पर हमला बोल दिया।
एलिसा हीली और बेथ मूनी ने जबरदस्त साझेदारी करते हुए रनगति को ऊँचा रखा। भारतीय गेंदबाज़ों ने बीच में कुछ मौके बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अंत तक आक्रामक रवैया बरकरार रखा। नतीजतन, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 50 ओवर में 338 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
भारत के सामने अब एक कठिन चुनौती थी — 339 रनों का पीछा, वह भी विश्व कप के नॉकआउट मैच में।
शुरुआत में भारत की हालत खराब लग रही थी। मात्र 10 ओवरों में टीम का स्कोर था 59/2, और ड्रेसिंग रूम में सन्नाटा था। लेकिन इसी मुश्किल वक्त में मैदान पर उतरीं कप्तान Harmanpreet Kaur और युवा बल्लेबाज़ Jemimah Rodrigues, जिन्होंने मिलकर मैच की दिशा बदल दी।
हरमनप्रीत-जेमिमा की ऐतिहासिक साझेदारी
दोनों बल्लेबाज़ों ने संभलकर लेकिन आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाज़ी शुरू की। शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने कुछ तेज़ बाउंसर और टर्नर फेंके, लेकिन हरमनप्रीत और जेमिमा ने संयम नहीं खोया।
धीरे-धीरे दोनों ने स्ट्राइक रोटेट की, रन बनाए, और पारी को स्थिर किया। 20वें ओवर तक भारत का स्कोर 130 पार पहुँच गया और मैच का रुख बदलने लगा।
Harmanpreet Kaur ने अपने अनुभव का शानदार उपयोग किया, वहीं जेमिमा ने हर शॉट में क्लास और आत्मविश्वास झलका दिया। दोनों के बीच 167 रनों की साझेदारी हुई, जो इस मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुई।
Harmanpreet Kaur 88 रन बनाकर आउट हुईं, लेकिन जेमिमा ने मोर्चा संभाले रखा और आखिर तक डटी रहीं। उन्होंने 134 गेंदों पर नाबाद 127 रन बनाए — जिसमें 12 चौके और 2 छक्के शामिल थे।
भारत ने आख़िरकार यह लक्ष्य 5 विकेट रहते हासिल कर लिया, और फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
Harmanpreet Kaur का बयान: “जेमिमा टीम की धड़कन है”
मैच के बाद जब Harmanpreet Kaur से Jemimah Rodrigues की पारी के बारे में पूछा गया, तो वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा:
“जेमिमा हमेशा टीम के लिए बेहतरीन करना चाहती है। वो हर स्थिति को समझकर खेलती है। हमें हमेशा उस पर भरोसा रहता है क्योंकि वो सोच-समझकर फैसला लेती है।”
कप्तान ने आगे बताया कि जेमिमा कितनी सजग रहती हैं:
“जब मैं बल्लेबाज़ी करने जाती हूँ, तो वो मुझसे पहले बोल देती है — ‘दीदी, हमारे पास पाँच रन हैं और दो गेंद बाकी हैं।’ यानी वो हमेशा पहले से स्थिति का अंदाज़ा लगा लेती है। यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।”
हरमनप्रीत के इन शब्दों से साफ झलकता है कि जेमिमा सिर्फ एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि टीम की ‘थिंकर’ भी हैं — जो मैदान पर हर बॉल, हर ओवर का हिसाब जानती हैं।
CAPTAIN HARMANPREET KAUR IN POST MATCH AFTER WON SEMIFINAL. 🌟🇮🇳
— Tanuj (@ImTanujSingh) October 31, 2025
– Captain, Leader, Legend Harmanpreet..!!!
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Jemimah Rodrigues — समझ, संयम और जुनून का संगम
जेमिमा की यह पारी सिर्फ रन बनाने की नहीं थी, बल्कि दबाव में शांत रहकर खेल को समझने की मिसाल थी। उन्होंने शुरुआत में गेंद को पढ़ने में समय लिया, फिर शॉट्स को धीरे-धीरे एक्सपैंड किया।
उनकी पारी में कोई लापरवाही नहीं थी — हर बाउंड्री सही समय पर आई। उन्होंने सिंगल-डबल लेकर स्ट्राइक रोटेट की और हरमनप्रीत को सेटल होने का मौका दिया।
मैच के बाद उन्होंने कहा:
“मैंने खुद से वादा किया था कि अगर मौका मिला तो मैं टीम को जीताकर ही लौटूंगी। मुझे पता था कि कप्तान दीदी के साथ अगर मैं 10-15 ओवर निकाल लूं, तो हम मैच में हैं।”
यह आत्मविश्वास, यह परिपक्वता — यही जेमिमा की पहचान बन चुकी है।
क्यों यह जीत इतिहास में दर्ज हो गई
इस मुकाबले को “डेविड बनाम गोलियथ” कहा जा रहा है — यानी कमजोर दिखने वाला योद्धा (भारत) जिसने दिग्गज (ऑस्ट्रेलिया) को हराया।
भारत के पास ऑस्ट्रेलिया जितना अनुभव या बड़ा बेंच स्ट्रेंथ नहीं था, लेकिन टीम ने दिल और दिमाग दोनों से खेला।
- रणनीति स्पष्ट थी: शुरुआत में विकेट बचाना, बीच के ओवरों में रन गति बनाए रखना, और आख़िर में पेस बढ़ाना।
 - नेतृत्व शानदार था: हरमनप्रीत ने हर खिलाड़ी को आत्मविश्वास से भरा।
 - युवा ऊर्जा और अनुभव का संतुलन: जहां जेमिमा और ऋचा घोष जैसे युवा बल्लेबाज़ों ने जोश दिखाया, वहीं हरमनप्रीत और दीप्ति शर्मा ने ठहराव दिया।
 
यह जीत सिर्फ स्कोरबोर्ड पर दर्ज नहीं हुई — यह भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास और नए युग की शुरुआत का संकेत है।
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फाइनल से पहले भारत का मूड
इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरी टीम का जोश आसमान पर है। सोशल मीडिया पर Jemimah Rodrigues और हरमनप्रीत कौर के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहाँ दोनों एक-दूसरे को गले लगाकर भावुक होती नज़र आईं।
दर्शकों से लेकर पूर्व क्रिकेटरों तक, सभी ने इस जोड़ी की तारीफ़ की। विराट कोहली ने ट्वीट किया —
“Jemimah Rodrigues – क्लास, संयम और मैच विनर। Proud moment for Indian cricket.”
वहीं मिताली राज ने कहा —
“यह सिर्फ जीत नहीं, बल्कि एक स्टेटमेंट है। यह दिखाता है कि भारतीय महिला टीम किसी भी हालात में जीत सकती है।”
| पहलू | विवरण | 
|---|---|
| मैच | महिला विश्व कप 2025 सेमीफाइनल | 
| प्रतिद्वंद्वी | भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया | 
| ऑस्ट्रेलिया का स्कोर | 338/7 (50 ओवर) | 
| भारत का स्कोर | 339/5 (48.4 ओवर) | 
| प्रमुख साझेदारी | हरमनप्रीत-जेमिमा (167 रन) | 
| जेमिमा रोड्रिग्स | 127* (134 गेंदें) | 
| हरमनप्रीत कौर | 88 (92 गेंदें) | 
| जीत | भारत 5 विकेट से | 
यह जीत सिर्फ क्रिकेट नहीं, भावना है
इस मैच ने यह साबित किया कि महिला क्रिकेट अब सिर्फ “पुरुष क्रिकेट का विकल्प” नहीं, बल्कि अपने दम पर इतिहास रचने वाली ताकत है।
Harmanpreet Kaur का नेतृत्व, Jemimah Rodrigues की समझदारी और पूरी टीम का जज़्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
यह जीत उन सभी युवा लड़कियों के लिए एक संदेश है —
“अगर आपमें जुनून है, तो कोई लक्ष्य बड़ा नहीं।”